Tuesday

समाज की बेहतरी’ के लिए हिंसा जायज: अन्ना

रालेगण सिद्धि : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को स्वीकार किया कि केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर पिछले महीने दिल्ली में हमले के बाद उन्होंने ‘सिर्फ एक थप्पड़’ टिप्पणी कर हिंसा की, लेकिन इस हिंसा को वह गलत नहीं मानते।

अन्‍ना ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘ समाज और देश की बेहतरी के लिए मैंने पहले भी कई बार सख्त टिप्पणी की है। सिर्फ एक थप्पड़’ मैं स्वीकार करता हूं कि जब मैंने वह टिप्पणी की, मैंने हिंसा की। लेकिन समाज की बेहतरी के लिए, मैं इस हिंसा को गलत नहीं मानता।

उन्होंने कहा कि कई राजनेताओं को हमले की घटना से बुरा लगा। उनमें से कई काफी नाराज भी हो गए। लेकिन यह विचार-विमर्श करना जरूरी है कि युवक ने वैसा क्यों किया। उन्होंने कहा कि शरद पवार केंद्र में कृषि मंत्री हैं और राज्य में बिजली मंत्री उनकी ही पार्टी के हैं। आज 22 साल बाद भी किसानों के बिजली पंप कम वोल्टेज के कारण जल जाते हैं, फसलें खराब हो जाती हैं, ट्रांसफॉरमर जल जाते हैं, लेकिन तब भी राजनेताओं को गुस्सा नहीं आता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

अन्‍ना ने कहा कि किसानों ने पुणे के पास प्रदर्शन किया। उन पर गोलियां चलाई गई। तीन किसानों की मौत हो गई, लेकिन राजनेताओं को इस पर भी गुस्सा नहीं आया। उन्होंने दावा किया कि कृषि मंत्री के रूप में शरद पवार ने सड़े गेहूं का आयात किया जो खाने लायक नहीं था और उसे बड़े गड्ढों में दबा दिया गया। करोड़ों रुपयेकी सार्वजनिक राशि बर्बाद हो गयी लेकिन कोई राजनेता नाराज नहीं हुए।

अन्‍ना ने कहा कि शरद पवारजी के संबंधी पद्मसिंह पाटिल शरद पवार की कैबिनेट में मंत्री थे। जब वह मंत्री थे तो भ्रष्टाचार में लिप्त थे। मैंने जांच की मांग की। जब जांच नहीं हुई तो मैंने आंदोलन शुरू किया। उसकी वजह से जांच का आदेश देना पड़ा। मंत्री दोषी साबित हुए और उन्हें कैबिनेट से हटाया गया। उन्होंने बदला लेने की खातिर मेरी हत्या के लिए किसी को 30 लाख रुपये की सुपारी दी। उन्होंने कहा कि एक थप्पड़ के कारण कई लोग नाराज हो गए। लेकिन जब समाज और देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले को निशाना बनाया जाता है तो कोई नाराज नहीं होता।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा एक अनुरोध है, अगर आपको मेरे खिलाफ गुस्सा है और आप मेरा पुतला जलाना चाहते हैं, आप ऐसा करना जारी रखिए क्योंकि आप अब तक ऐसा करते रहे हैं। मुझे अपमानित करने के लिए आप जो करना चाहते हैं, करें। लेकिन राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएं क्योंकि यह हम सबकी है।

No comments:

Post a Comment